"फेसबुक पर एक स्त्री होने का दर्द...
फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही लोग राफेल की गति से इनबॉक्स में एंट्री मारते हैं किसी को हाय करनी है, तो किसी को हैलो, किसी को दोस्ती करनी है, तो किसी को शादी...!!
कोई साथ में चाय पीना चाहता है... तो कोई कॉफी...... कोई साथ में लंच करना चाहता है तो कोई कैंडिल लाईट डिनर...!!
कोई किये जा रहा है लगातार मैसेंजर पर कॉल कोई भेज रहा लव इमोजी, कोई भेज रहा फ्लाइंग किस...!!
कोई 15 साल का है, कोई 50 साल का है, तो कोई है 75 साल का। सबको जानना है क्या करती हो, कहाँ रहती हो, कहाँ जॉब करती हो, अकेले रहती हो...!!
सब मोहित हैं चेहरे पर, सबको अच्छी लग रही है मासूमियत, सब डूब जाना चाहते हैं आंखों में, सब बांध रहे हैं पुल तारीफों के...!!
सब लगे हैं साबित करने में खुद को श्रेष्ठ आशिक इनबॉक्स में आने वालों की उम्र, जाति, मजहब, नाम सब अलग है, लेकिन सबकी है एक सी नियत...!!
इतना आसान भी नहीं है स्त्री होकर फेसबुक चला पाना, इतना आसान नहीं है मैसेंजर का इनबॉक्स खोल पाना...!!
दोस्तों मैं दीप आप सभी से निवेदन करता हूँ, कि किसी भी अनजान स्त्री को बिना जाने फेसबुक पर इनबॉक्स में मैसेज न करें, और साथ ही दुनिया की हर स्त्री को सम्मान दें, इसमें आपकी माँ, पत्नी, बहन और अनजान स्त्री कोई भी हो...!!
#कैसी_लगी_स्टोरी_कमेंट_करके_जरूर_बताएं