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त्याग और तपस्या से ही प्रेम का अर्थ है, बिना प्रेम और समर्पण के सबकुछ व्यर्थ है ..!!

त्याग और तपस्या से ही प्रेम का अर्थ है, बिना प्रेम और समर्पण के सबकुछ व्यर्थ है ..!!



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