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Wife of Loco Pilot

रेलवे लोको पायलट की पत्नी की सच्ची भावना पर लिखी गई कविता....

दाग नहीं जिसके नीले वर्दी पर, ना कभी कोई रिश्वत काले की ! धन्य हुई मैं पत्नी बन के, उस लोको पायलट वाले की ।। - मेहनत की वो तनख्हा लाता, खुश हमको वो रखता है । समय का पाबंद सदा वो, सदा समय से चलता है ।। - डेली की किचकिच मेरी से, हरदम वो बच जाता है । जब भी आता घर सजना तो, सुहागरात सी लाता है ।। - यौवन मेरा भरी जवानी, तन-मन उनपे लुटाती हूं । हर महीने की एक तारीख को, Shopping करने जाती हूं ।। - रूपये मुझ पर सदा लूटाता, झूट बहाना ही कहने पर । मेरी खुशी से वो खुश होता, बस मेरे संग रहने पर ।। - समय फिक्स नहीं कभी भी उसका, घर पर आने जाने का । जब भी वो घर से जाता है, जी मेरा घबराता है ।। - आंधी हो या फिर हो तूफा, या बारिश भी काली हो । सोच सदा परिवार के हित में, ऐसी सोच निराली हो ।। - सुन सखी मैं मेरे मन की, व्यथा तुझे सुनाती हूं । जब भी वो ड्यूटी जाते हैं, मूरझा सी मैं जाती हूँ ।। - खाना पानी कपड़े लेकर, भारी मन से जाता हैं । जब वो मुझसे दूर चले तो, आँखों में मेरे पानी आता है । - हमरी खुशियाँ खातिर वो, तकलीफ सदा ही पाता है । अपने नन्हे मुन्नों की खुशियों से, वो बस खुश हो जाता है । - हल्की सी तकलीफ हमे हो तो, छाती उसकी फटती है । पूरी नाईट ड्यूटी हो गई, पर, उसको नींद न लगती है । - जब ड्यूटी से वो आता है, ढेरों फल संग लाता है । ऊँचे से ऊँचे डॉक्टर से, मेरा इलाज कराता है । - मेरे खातिर लीव मांगी पर, वो भी उसको नहीं मिली । आखिर में सिक करनी चाही, वो चाल भी उसकी चली नहीं ।। - सिर पकड़कर तब उसने, ऐबसेंट मार ली देख मुझे । आखिर में मिल गई चार्जशीट, मेरे खातिर आज उसे ।। - जब मैं हो गई ठीक एकदम, तब वो मुझसे कहता है । मैं जा रहा हूँ ड्यूटी मैडम, गम लेकर वो जाता है । - जब ड्यूटी में समय मिले तो, मेरे हाल पूछता वो । ऐसा लोको पायलट सजना मेरा, सदा मुझे पूजता वो ।। - कितनी व्यस्त हैं ड्यूटी उनकी, पल भर चैन ना पाते वो | जबतक प्यार से झप्पी ना दे दू, तब तक नींद नहीं आती उनको ।। - जो मैं चाहूं वो खुशियाँ वो, पल में मुझे दिलाता है । रहूं सदा मैं छम्मक छल्लों, ऐसी ड्रैस दिलाता है ।। - मैं भी उसकी पूजा करती, मेंहदी उसके नाम की । काजल बिंदिया लगा सिंदूर , लगू सदा मैं काम की ।। - कर सौलह श्रंगार सजू में, लगू सैक्सी रोज उसे । देख मुझे वो भरता आहे, इतना देती प्यार उसे ।। - दो दिन लग जाते हैं उसको, वापिस घर पर आने में । तूही बता ऐ सखी सहेली, कैसे दगा दू अनजाने में ।। -

दो दिन गेप हमें मिलता है, सेहत के लिए अच्छा है । हर दो दिन में ऐसा लगता, मजा आया अब सच्चा है ।। - तन मन धन उसको अर्पित है, मेरी खिलती जवानी का । क्यूँ कर गैरो से बात भी करूँ जब इतना प्यारा साजनवा मेरा ।। :-wife of loco pilot

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