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ज़्यादा मत सोचो, हम सभी किसी की कहानी में बुरे होते हैं।

  • Writer: ELA
    ELA
  • 1 day ago
  • 1 min read

"ज़्यादा मत सोचो, हम सभी किसी की कहानी में बुरे होते हैं।"

कभी-कभी हम खुद को लेकर इतना सोचते हैं, इतना गहराई में चले जाते हैं कि अपने ही ख्यालों में खो जाते हैं।"मैंने ऐसा क्यों किया?", "लोग क्या सोचेंगे?", "क्या मैं वाकई गलत था?" — ये सवाल हमें अंदर से तोड़ते हैं।

पर एक सच्चाई ये भी है कि हम सब, किसी न किसी की कहानी में "विलेन" होते हैं।किसी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते, किसी को अनजाने में तकलीफ़ दे बैठते हैं,कभी अपने फैसलों से किसी की दुनिया हिला देते हैं — पर क्या इसका मतलब ये है कि हम बुरे इंसान हैं? नहीं।

ज़िंदगी एक किताब है, और हर किसी का नज़रिया उसका अपना चैप्टर है।जहाँ हम खुद को सही मानते हैं, वहीं किसी और की नज़रों में हम गलत ठहरते हैं।इसलिए ज़रूरत नहीं हर बार खुद को दोष देने की, हर बार खुद को बदलने की।

बस इतना याद रखो — अगर दिल साफ़ है, इरादे नेक हैं,तो किसी की कहानी में 'बुरा' कहलाना भी बुरा नहीं होता।

खुद को माफ़ करो, आगे बढ़ो, और मुस्कुराते रहो। 

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ज़्यादा मत सोचो, हम सभी किसी की कहानी में बुरे होते हैं।


ज़्यादा मत सोचो, हम सभी किसी की कहानी में बुरे होते हैं।

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