सगाई हुई थी तो पतिदेव के साथ गर्म गर्म संभोग के आगे दुनिया की सारी खुशियां मानो फीकी थी, एक स्त्री को स्त्री होने का एहसास तब होता है
विवाह के बाद सेक्स लाइफ में बदलाव की कहानी 📚
जब किसी को खूब प्यार करने वाला पति मिले, जो अपनी शारीरिक जरूरतों का ध्यान रखते हुए अपनी पत्नी को संतुष्ट रखने का पूरा ध्यान रखे, तो जिंदगी खुशियों से भर जाती है। मेरे पतिदेव भी ऐसे ही थे।
लेकिन समय के साथ हमारा सम्भोग जीवन में भी बदलाव आने लगे। विवाह को पाँच वर्ष होने को आए थे, लेकिन जहाँ पहले दिन में २-३ बार संबंध बनते थे, अब महीने में २-३ बार ही बनते थे। मेरे मन में नकारात्मक ख्याल आने लगे कि शायद मेरे पति का दिल कहीं और लग गया है।
मैंने इस बारे में उनसे खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि वे मुझे पहले से ज्यादा प्यार करते हैं, लेकिन सम्भोग में उनकी रुचि कम हो गई है। मैं घबरा गई और हमने डॉक्टर से सलाह ली। दो महीने तक हमारा काउंसलिंग हुआ।
हर सेशन में डॉक्टर सम्मोहन का सहारा लेते और जानने की कोशिश करते कि आखिर क्या हो रहा है। डॉक्टर ने समझाया कि मेरे पति अब वर्तमान से ज्यादा भविष्य के बारे में सोचते हैं। वे इस चिंता में रहते हैं कि मैं और हमारा परिवार सुरक्षित कैसे रहें। मेरी जरूरतों को पूरा करने के लिए वे अपने काम में और अच्छा करने का प्रयास करते हैं।
**ज्यादा काम सम्भोग में अरुचि पैदा करता है।** प्रतिदिन एक ही तरह से किया गया संभोग जीवन में उत्साह को खत्म कर देता है। परिवार की बढ़ती जिम्मेदारी के कारण वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पा रहे थे।
यह जानकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। जिस पति के बारे में मैं गलत सोच रही थी, वह वास्तव में हमारे भविष्य को सुधारने के लिए यह सब कर रहे थे।
लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि एक पत्नी की सिर्फ घर-गृहस्थी की जरूरतें पूरी करना ही पति का फर्ज नहीं है, बल्कि उसकी शारीरिक संतुष्टि का ध्यान रखना भी जरूरी है।
डॉक्टर ने मुझे सलाह दी कि मैं कुछ नया ट्राय करूं और संभोग की पहल खुद करूं। पति को यह भरोसा दिलाऊं कि चाहे कुछ भी हो, मैं हमेशा उनके साथ हूं। सिर्फ पैसे के लिए पत्नी नहीं हूं, बल्कि कर्तव्य और धर्म से भी पत्नी हूं।
जब पति को यह भरोसा हो जाएगा, तो हमारी जिंदगी पहले जैसी हो जाएगी। मैंने यह किया और हमारी लाइफ में खुशियाँ वापस आ गईं।
आजकल मैं देखती हूं कि हर पति-पत्नी के बीच एक समय बाद यह स्थिति आती है। यकीन मानिए, आपके पति आपकी भलाई के लिए अपनी शारीरिक और मानसिक संतुष्टि की कुर्बानी देते हैं और हमें इस बात का एहसास भी नहीं होने देते।
यह चीज उन्हें अंदर ही अंदर खोखला करती है। देर होने से पहले उन्हें संभालना आपकी जिम्मेदारी है।