उन्हें तुम्हें आँकने दो।
उन्हें तुम्हें गलत समझने दो।
उन्हें तुम्हारे बारे में बातें करने दो।
उनकी राय तुम्हारी ज़िम्मेदारी नहीं है।
तुम बस दयालु बने रहो, प्रेम के प्रति समर्पित रहो, और अपनी सच्चाई में आज़ाद रहो।
वो कुछ भी कहें या करें, तुम अपनी क़ीमत और अपनी सच्चाई की खूबसूरती पर कभी शक मत करना।
बस वैसे ही चमकते रहो, जैसे तुम हमेशा से चमकते आए हो।”